Love Shayari in Hindi रोमांटिक शायरी हिंदी में: रोमांटिक शायरी एक प्रकार की कविता या कविता है जो प्यार, जुनून और रोमांटिक भावनाओं को व्यक्त करती है। यह उर्दू और हिंदी साहित्य में अभिव्यक्ति का एक लोकप्रिय रूप है, और इसमें प्रेम से जुड़ी भावनाओं की तीव्रता को व्यक्त करने के लिए अक्सर रूपक, कल्पना और प्रतीक शामिल होते हैं।
रोमांटिक शायरी में प्रकृति की सुंदरता से लेकर जुदाई के दर्द तक, प्यार में होने की खुशी से लेकर एकतरफा प्यार के दुख तक, विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल हो सकती है। वे अक्सर स्नेह व्यक्त करने के लिए, प्रेमी को लुभाने के लिए, या किसी की भावनाओं की तीव्रता को व्यक्त करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
रोमांटिक शायरियों के कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:
तुम्हारा प्यार एक आग है जो मेरे दिल में जलती है,
आपका स्पर्श एक फुसफुसाहट है जो मेरी आत्मा को अलग करता है,
मैं तेरी आँखों में खोया हूँ, तेरे आलिंगन में खोया हूँ,
मेरा दिल सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कता है, मेरा प्यार, मेरी कृपा।प्यार सिर्फ एक एहसास नहीं है, ये एक सफर है,
दो दिलों की एक यात्रा जो एक के रूप में धड़कती है,
एक यात्रा जो हमें उतार-चढ़ाव के बीच ले जाती है,
एक यात्रा जो एक आनंदमय मिलन में समाप्त होती है।जब मैं तुम्हारे साथ हूँ, मैं दुनिया को भूल जाता हूँ,
मैं चिंताओं, दर्द और संघर्ष को भूल जाता हूं,
मैं तेरी मोहब्बत में खोया हूँ, तेरी आँखों में खोया हूँ,
अपने जीवन की सुंदरता में खो गया।
रोमांटिक शायरी कविता का एक सुंदर और अभिव्यंजक रूप है जो प्रेम और रोमांस की गहराई और तीव्रता को पकड़ने की शक्ति रखता है। तो आइये हम इस पोस्ट में कुछ रोमांटिक शायरी देखते हैं:
Love Shayari in Hindi रोमांटिक शायरी हिंदी में
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले – मिर्ज़ा ग़ालिब |
इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ निकम्मा कर दिया वर्ना हम भी आदमी थे काम के – मिर्ज़ा ग़ालिब |
कोई समझे तो एक बात कहूँ इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं – फ़िराक़ गोरखपुरी |
दिल धड़कने का सबब याद आया वो तिरी याद थी अब याद आया – नासिर काज़मी |
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है – राहत इंदौरी |
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है – निदा फ़ाज़ली |
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’ कि लगाए न लगे और बुझाए न बने – मिर्ज़ा ग़ालिब |
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है – आदिल फ़ारूक़ी |
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है – हसरत मोहानी |
हुआ है तुझ से बिछड़ने के बा’द ये मा’लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी – अहमद फ़राज़ |
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो – बशीर बद्र |
हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ – क़तील शिफ़ाई |
अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए – उबैदुल्लाह अलीम |
और क्या देखने को बाक़ी है आप से दिल लगा के देख लिया – फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ |
इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता – अकबर इलाहाबादी |
गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह – बासिर सुल्तान काज़मी |
दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं – जिगर मुरादाबादी |
मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए – कृष्ण बिहारी नूर |
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया – शकील बदायुनी |
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ – अहमद फ़राज़ |
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा – फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ |
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए – बशीर बद्र |
तुम मोहब्बत को खेल कहते हो हम ने बर्बाद ज़िंदगी कर ली – बशीर बद्र |
तुम से मिलती-जुलती मैं आवाज़ कहाँ से लाऊँगा ताज-महल बन जाए अगर मुम्ताज़ कहाँ से लाऊँगा – साग़र आज़मी |
शाम ढले ये सोच के बैठे हम अपनी तस्वीर के पास सारी ग़ज़लें बैठी होंगी अपने अपने मीर के पास – साग़र आज़मी |
वैसे तो सभी ने मुझे बदनाम किया है तू भी कोई इल्ज़ाम लगाने के लिए आ – अज्ञात |
तेरी जानिब आ रहा हूँ रूह की तस्कीं को मैं हसरतें दिल की मैं दुनिया में निकाल आया बहुत – अदील ज़ैदी |
दिल की धड़कन को सुना ग़ौर से कल रात ‘अदील’ जिस को मैं ढूँढता रहता हूँ बसा है मुझ में – अदील ज़ैदी |
उस ने आँचल से निकाली मिरी गुम-गश्ता बयाज़ और चुपके से मोहब्बत का वरक़ मोड़ दिया – जावेद सबा |
तुम मिटा सकते नहीं दिल से मेरा नाम कभी फिर किताबों से मिटाने की ज़रूरत क्या है – अज्ञात |
उन को भूले हुए अपने ही सितम याद आए जब किसी ग़ैर ने तड़पाया तो हम याद आए – अज्ञात |
आज की शाम गुज़ारेंगे हम छतरी में बारिश होगी ख़बरें सुन कर आया हूँ – इलियास बाबर आवान |
टकरा गया वो मुझ से किताबें लिए हुए फिर मेरा दिल और उस की किताबें बिखर गईं – अज्ञात |
तुझ से बिछड़ूँ तो तिरी ज़ात का हिस्सा हो जाऊँ जिस से मरता हूँ उसी ज़हर से अच्छा हो जाऊँ – अहमद कमाल परवाज़ी |
बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी लोग बे-वज्ह उदासी का सबब पूछेंगे – कफ़ील आज़र अमरोहवी |
मुझ से तो दिल भी मोहब्बत में नहीं ख़र्च हुआ तुम तो कहते थे कि इस काम में घर लगता है – अब्बास ताबिश |
दिल से उठता है सुब्ह-ओ-शाम धुआँ कोई रहता है इस मकाँ में अभी – अंजुम रूमानी |
यूँ तिरी याद में दिन रात मगन रहता हूँ दिल धड़कना तिरे क़दमों की सदा लगता है – शहज़ाद अहमद |
हम ने उस को इतना देखा जितना देखा जा सकता था लेकिन फिर भी दो आँखों से कितना देखा जा सकता था – अज्ञात |
रात तेरी यादों ने दिल को इस तरह छेड़ा जैसे कोई चुटकी ले नर्म नर्म गालों में – बशीर बद्र |
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा – बशीर बद्र |
मोहब्बत की तो कोई हद, कोई सरहद नहीं होती हमारे दरमियाँ ये फ़ासले, कैसे निकल आए – ख़ालिद मोईन |
दिल सुलगता है तिरे सर्द रवय्ये से मिरा देख अब बर्फ़ ने क्या आग लगा रक्खी है – अनवर मसूद |
देखो ये किसी और की आँखें हैं कि मेरी देखूँ ये किसी और का चेहरा है कि तुम हो – अहमद फ़राज़ |
सुपुर्द कर के उसे चाँदनी के हाथों में मैं अपने घर के अँधेरो को लौट आऊँगी – परवीन शाकिर |
ख़्वाबों के उफ़ुक़ पर तिरा चेहरा हो हमेशा और मैं उसी चेहरे से नए ख़्वाब सजाऊँ – अतहर नफ़ीस |
मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है सर-ए-आईना मिरा अक्स है पस-ए-आईना कोई और है – सलीम कौसर |
इश्क़ से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पाया दर्द की दवा पाई दर्द-ए-बे-दवा पाया – मिर्ज़ा ग़ालिब |
हम बहुत दूर निकल आए हैं चलते चलते अब ठहर जाएँ कहीं शाम के ढलते ढलते – इक़बाल अज़ीम |
जाती है धूप उजले परों को समेट के ज़ख़्मों को अब गिनूँगा मैं बिस्तर पे लेट के – शकेब जलाली |
अपनी तबाहियों का मुझे कोई ग़म नहीं तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी – साहिर लुधियानवी |
एक मिस्रा है ज़िंदगी मेरी आप चाहें तो शेर हो जाए – अज्ञात |
मोहब्बत करने वाले कम न होंगे तिरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे – हफ़ीज़ होशियारपुरी |
इस क़दर भी तो न जज़्बात पे क़ाबू रक्खो थक गए हो तो मिरे काँधे पे बाज़ू रक्खो – इफ़्तिख़ार नसीम |
ये मज़ा था दिल-लगी का कि बराबर आग लगती न तुझे क़रार होता न मुझे क़रार होता – दाग़ देहलवी |
देखूँ तिरे हाथों को तो लगता है तिरे हाथ मंदिर में फ़क़त दीप जलाने के लिए हैं – जाँ निसार अख़्तर |
हम तो समझे थे कि बरसात में बरसेगी शराब आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया – सुदर्शन फ़ाकिर |
प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है नए परिंदों को उड़ने में वक़्त तो लगता है – हस्तीमल हस्ती |
करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता – ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर |
तुम को आता है प्यार पर ग़ुस्सा मुझ को ग़ुस्से पे प्यार आता है – अमीर मीनाई |
जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ उस ने सदियों की जुदाई दी है – गुलज़ार |
रोमांटिक शायरी Love Shayari in Hindi- सौ रंग है किस रंग से तस्वीर बनाऊँ
सौ रंग है किस रंग से तस्वीर बनाऊँ मेरे तो कई रूप हैं किस रूप में आऊँ क्यूँ आ के हर इक शख़्स मिरे ज़ख़्म कुरेदे क्यूँ लोग मुसिर हैं कि सुनें मेरी कहानी इस बज़्म में अपना तो शनासा नहीं कोई कुछ और तो हासिल न हुआ ख़्वाबों से मुझ को बे-क़ीमत-ओ-बे-माया इसी ख़ाक में यारो किरनों की रिफ़ाक़त कभी आए जो मयस्सर ख़्वाबों के उफ़ुक़ पर तिरा चेहरा हो हमेशा रह जाएँ किसी तौर मेरे ख़्वाब सलामत – अतहर नफ़ीस |
रोमांटिक शायरी Love Shayari in Hindi- बूंदों की तरह छत से टपकते हुए आ जाओ
बूंदों की तरह छत से टपकते हुए आ जाओ बरसात का मौसम है बरसते हुए आ जाओ ख़ुश्बू हो तो झोंके की तरह फूल से निकलो दो गाम पे मय-ख़ाना है दफ़्तर से निकल कर मौसम के बहाने गुल-ओ-गुलज़ार निकल आए -जावेद सबा |
रोमांटिक शायरी Love Shayari in Hindi- न तुम ज़बाँ से जवाब देना
न तुम ज़बाँ से जवाब देना जो दे सको तो गुलाब देना न कह सको तो, तो ऐसा करना न मैं मोहब्बत में तुम से लूँगी मरी तरफ़ से भी ले के जाना -नील अहमद |
रोमांटिक शायरी Love Shayari in Hindi- ढल चुकी रात मुलाक़ात कहाँ सो जाओ
ढल चुकी रात मुलाक़ात कहाँ सो जाओ सो गया सारा जहाँ सारा जहाँ सो जाओ सो गए वहम-ओ-गुमाँ वहम-ओ-गुमाँ सो जाओ कब तलक दीदा-ए-नम दीदा-ए-नम दीदा-ए-नम आह अब टूट चला टूट चला टूट चला उठ चले दिल के मकीं दिल के मकीं दिल के मकीं -जावेद कमाल रामपुरी |
रोमांटिक शायरी Love Shayari in Hindi- सुला कर तेज़ धारों को किनारो तुम न सो जाना
सुला कर तेज़ धारों को किनारो तुम न सो जाना रवानी ज़िंदगानी है तो धारो तुम न सो जाना मुझे तुम को सुनानी है मुकम्मल दास्ताँ अपनी तुम्हारे दाएरे में ज़िंदगी महफ़ूज़ रहती है तुम्हीं से जागता है दिल में एहसास-ए-रवा-दारी अगर नींद आ गई तुम को तो चश्मे सूख जाएँगे तुम्हीं से बहर-ए-हस्ती में रवाँ है कश्ती-ए-हस्ती सदा-ए-दर्द की ख़ातिर तुम्हें ‘कौसर’ ने छेड़ा है -कौसर सीवानी |
रोमांटिक शायरी एक कालातीत कला है जिसका उपयोग सदियों से प्यार और जुनून से जुड़ी सबसे गहरी और सबसे तीव्र भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता रहा है। यह अभिव्यक्ति का एक लोकप्रिय रूप बना हुआ है, क्योंकि इसमें दिलों को लुभाने और आत्माओं को झकझोरने की शक्ति है। चाहे स्नेह का इजहार करना हो, जुदाई के दर्द को व्यक्त करना हो, या बस प्यार की सुंदरता का जश्न मनाना हो, रोमांटिक शायरी दिल और आत्मा को गहराई से छूने की क्षमता रखती है। अपनी गेय भाषा, विशद कल्पना और विचारोत्तेजक रूपकों के साथ, इसमें हमें सुंदरता और आश्चर्य की दुनिया में ले जाने की शक्ति है, जहां प्रेम सर्वोच्च है और हृदय कोई सीमा नहीं जानता। तो, आइए हम रोमांटिक शायरी की सुंदरता को संजोएं और इसे हमें अभी और हमेशा अधिक गहराई से और जुनून से प्यार करने के लिए प्रेरित करें।
Your go-to destination for the latest in technology news, reviews, and insights. At TechYox, we are passionate about exploring the ever-evolving world of technology and bringing you informative, engaging, and insightful content.